रविवार, 27 मई 2012

गुरुवार, 24 मई 2012

दैनिक जीवन

प्रतिदिन जब मै सुबह उठता हूँ तो यहीं सोचता हूँ की आज का दिन एक नई जिन्दगी की तरह जीना है और सारे छूटे हुए काम पूरे करने हैं । पर दिन खत्म होते होते फिर उसी पुराने ढर्रें पर आ जाता हूं । शायद इसीलिए विद्वान लोगों ने सही कहा है कि दुनिया को बदलने से पहले स्वंय को बदलो ।

बुधवार, 23 मई 2012

शुक्रवार, 11 मई 2012

विश्वास

कहते है कि विश्वास मे वो शक्ति है जो पत्थर मे भी जान डाल देती है। अगर किसी व्यक्ति पर विश्वास किया जाय तो वह उस कार्य को करने के योग्य हो जाता है । मेरा मानना भी यही है कि यह सत्य है । विश्वास एक बहुत ही अदभुत भाव है ।